Friday, February 11, 2011


Ghazal


Ghazal
ek jhonka bhi hawa ka idhar aaya hi nahin
ab ke patton ne kahin shor machaya hi nahin
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chaand bhi doob gaya bujh gaye taron ke diye 
uski yaadon  ka chirag ham ne bujhaya hi nahi 
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jab se wah kar gaya khali ye mere sil ka makan 
mai ne veerana dil phir se sajaya hi nahin
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tha to mumkin ki wah aajata maseehai ko 
zakhm dil ham ne maseeha ko dikhaya hi nahin
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reh ke chup hamne qayamat ka sama bandh diya 
ham pe keya guzri kisi ko ye bataya hi nahin
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Gull sa pagal bhi zamane men keya hoga 
dasht men bathi hai aur kahti hai saaya hi nahin


Mohammad Rashid 

Mohammad Rashid

  •   वह लोग कभी तनहा नहीं होते जन के साथ ख़ूबसूरत ख्यालात होते हैं १
  • अपने ख़यालात क्व अपना जेल खाना मत बनाओ १
  • अफ्वाज के हमले को रद किया जा सकता है लेकिन ख़यालात के हमले को रोकना बहुत मुश्किल है १
  • खोलुस सब से बड़ा हथियार है जिस से कई कम लिए जासकते हैं १
  • कसी से मिलो तो इस तरह की वह आइन्दः भी मिलने की तमन्ना करे १
  • बुरे लोगों के साथ बठने से तन्हाई अच्छी है १
  • कम बोलना अक्ल मंदी है
  • गुनाह  से आदमी का दीन  जाया होता है
  • तोबा करना आसन और गुनाह छोड़ना मुश्किल होता है १
  • बखील हमेशा ज़लील होता है 
  • हकीर से हकीर पेशा भीक मांगने से बेहतर है १


UMMED

  1. उम्मीदों के सहारे जिंदा रहना और जीना खुद को धोका देना है .
  2. बन्दे को अपने मालिक के सेवा किसी से उम्मीद नहीं रखनी चाहिए .
  3. अपने गुनाहं के सेवा किसी से नहीं डरना चाहिए .
  4. आकिल अपने अम्ल और जहिंल  अपनी उम्मीदों पर भरोसा करता है .
  5. बुरी औरत से वफ़ा  और मुहब्बत की उम्मीद रखना इतना ही मुश्किल है जितना की जुगनू की आग से दिया रौशन करना 
  6. उससे बढ़ कर बेवकूफी नहीं हो सकती की आग का बीज बोवो और जन्नत की उम्मीद रखो .
  7. फजूल उम्मीदों पर भरोसा मत करो ये अहमकों का सरमाया है .
  8. हमें ना उम्मीद' मायूस और पस्त नहीं होना चाहिए .
  9. इस लिए उम्मीद पर दुन्याँ कायम है .